रेलवे कर्मचारी और कामगारों की आवाज होंगी बुलंद
चंद्रपुर l Hari Warta News Service ”
पढ लिख कर जानकर बने और संगठित होकर अधिकारों के लिए संघर्ष करें” इस विचारधारा पर रेलवे कर्मचारी और कामगारों के लिए काम करनेवाले स्वतंत्र रेलवे बहुजन कर्मचारी यूनियन की बल्लारपुर इकाई शीघ्र बनेगी.
इसके लिए शनिवार 5अक्टूबर को बल्लारपुर में भेट तथा चर्चा बैठक आयोजित की गई थी. इस समय स्वतंत्र रेलवे बहुजन कर्मचारी यूनियन के महासचिव विकास गौर, एसईसीआर नागपुर मंडल के अध्यक्ष नरेन्द्र पांनतावने, मंडल सचिव आनन्द कांबले, प्रचार प्रमुख अशोक भैसारे, एसईसीआर लोको पायलट सदस्य संघदीप चोखांद्रे आदि उपस्थित थे. बल्लारपुर मध्य रेलवे का दक्षिण की ओर जानेवाला अंतिम स्टेशन होने के साथ ही महत्वपूर्ण औद्योगिक स्थान है. यहां सामाजिक एवम् कामगार आंदोलन की स्थिती मजबूत है. ऐसे में यहां के उपेक्षित रेलवे कर्मचारी कामगारों को साथ लेकर उनके अधिकार की लड़ाई के लिए तत्पर होना यूनियन का दायित्व भी है. पूरे देश में स्वतंत्र मजदूर यूनियन का कार्य सराहा गया है. पवित्र भारतीय संविधान और बहुजन महापुरुषों की प्रेरणा से राष्ट्र तथा कामगार सर्वोपरि मान कर यूनियन ने लाखों कर्मचारी कामगारों को न्याय दिलाया है. यही कारवां अब बल्लारपुर जैसी महत्वपूर्ण भूमि से आगे ले जाना है. ऐसी भूमिका रखी गई है.
अतुल मून संभालेंगे बल्लारपुर की बागडोर
स्वतंत्र मजदूर यूनियन से संलग्न एसआरबीकेयू की बल्लारपुर मध्य रेलवे इकाई के गठन और सक्रिय क्रियान्वयन हेतु शनिवार को विचार विमर्श किया गया. इस इकाई की जिम्मेदारी अतुल मून को दी गई है. मून एसएसई(सी & डबल्यू) से जुड़े सक्षम कार्यकर्त्ता है. उन्हे आन्दोलन का अनुभव और अध्ययन भी है. शीघ्र ही बल्लारपुर इकाई का कार्य विस्तार किया जायेगा.
कामगार हित में क्या है यूनियन की मांगे?
स्वतंत्र रेलवे बहुजन कर्मचारी यूनियन ने रेलवे कर्मचारी तथा कामगारों की समस्याओं का गहराई से अध्ययन किया देशभर की स्थिति का अवलोकन करने के बाद कर्मचारी कामगार हित में तकरीबन 23 महत्वपूर्ण मैंगो और मुद्दों को सरकार के समक्ष रखा गया है इसके लिए यूनियन देशभर में चेतन जग रही है इन 23 मांगों में रेल कर्मचारियों का आर्थिक, मानसिक, शारीरिक शोषण बंद किया जाए, रेल कर्मचारियों की छोटी-छोटी गलती के लिए सस्पेंड करना एवं चार्ज शीट देना बंद किया जाए, ऑन ड्यूटी रेलवे कर्मचारियों को ट्रेन में जगह की प्राथमिकता दी जाए, नागपुर डिवीजन में मकान किराया भत्ता से संबंधित काला कानून तुरंत रद्द किया जाए तथा सभी इच्छुक कर्मचारियों को एचआरए तुरंत दिया जाए, नई पेंशन स्कीम और यूपीएस रद्द करके पुरानी पेंशन स्कीम अर्थात ओपीएस को लागू किया जाए, रेलवे में ठेका मजदूरी बंद कर उन्हें नियमित किया जाए, लार्जेस स्कीम पुनः लागू किया जाए, ट्रैक में काम करते समय महिला कर्मचारियों को मौलिक सुविधा और सुरक्षा दी जाए, रोस्टर ड्यूटी के तहत किसी भी कर्मचारी से 8 घंटे से अधिक ड्यूटी न कराई जाए, रेलवे कर्मचारियों के माता-पिता को पास व मेडिकल सुविधाएं प्रदान की जाए जैसी मांगो का समावेश है.