वृंदावन धाम के योगेंद्र कृष्ण शास्त्री भी हुए गदगद
बंगाली कॅम्प श्रीमद् भागवत कथा की पूर्णाहुति
चंद्रपुर, दि.
भावनाओं का अर्थात सच्चा भाव और भक्ति का कोई द्वार नहीं होता. जहां हरि मिले वही हरिद्वार होता है. श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम पुष्प में मंगलवार की रात सुदामा चरित्र की कथा श्रावकों को भाव विभोर कर गई. महाराज श्री स्वयं गदगद हो उठे. झूमते गाते और जयकारे के बाद भी आंखे नम थीं.
श्री धाम वृंदावन के प्रख्यात कथा प्रवक्ता पूज्य श्री योगेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने श्रीकृष्ण का स्वधाम गमन, सुखदेव विदाई और परीक्षित मोक्ष की उप कथाओं को विविध दृष्टांत के साथ बहुत ही रस तथा भावपूर्ण पद्धति से प्रस्तुत किया. कथा की सफलता के लिए सोनम बहु उद्देशीय संस्था के अध्यक्ष निताई घोष, कार्याध्यक्ष बिस्वजीत शाहा, रमेश सरकार, कमलेश दास, अमोल हालदार, मदन शाहा, तारक दत्ता, मनोरंजन रॉय, पीयूष मंडल, जनविजय राजवंशी, निहार हालदार, सुखेंदु चक्रवर्ती, मंदिर कमेटी के अध्यक्ष प्राणनाथ राजवंशी, सचिव सन्तोष चक्रवर्ती, आर. जी. शाहा, नंदू वर्मा, नरेश तालेरा आदि ने प्रयास किए.
होम हवन के साथ पूर्णाहुति
बुधवार को कथा पंडाल में होम हवन का आयोजन किया गया. जहां कथा के यजमानों ने भाग लिया. भागवत के विधिवत पूजन के बाद इसे महाराज श्री को प्रदान किया गया. इस समय सभी श्रद्धालुओं की आंखे नम थीं.