∆ 70 से ज्यादा गांवों के लोग हुए संगठित
∆ कई ग्राम पंचायतों से पारित होंगे प्रस्ताव
∆ सीधे रेल्वे मंत्री से मिल सकते है आंदोलनकारी
चंद्रपुर, दि.3
चंद्रपुर से बंगाली समाज हावड़ा ट्रेन अधिकार समिति ने जो दो महीने पहले आन्दोलन शुरू किया था उसे जोरदार समर्थन मिल रहा है. चेन्नई- बिलासपुर एक्सप्रेस को हावड़ा तक बढ़ाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है. क़रीब 40 वर्षों से 6 जिलों के लोग सीधी कोलकाता यात्रा के लिए तरस रहे है. लेकिन अब जन आन्दोलन व्यापक होने से आगामी फरवरी 2025 में इस ट्रेन विस्तार की घोषणा होने की उम्मीद बढ गई है.
बोंगो भाषी महासभा फाउंडेशन के महाराष्ट्र प्रभारी हरीदास बिस्वास और महाराष्ट्र समन्वयक मुकेश वालके ने हावड़ा ट्रेन के लिए योजना बनाई. 86 साल के रेल्वे कार्यकर्त्ता रमणीक भाई चौहान और बल्लारपुर के रेल्वे कार्यकर्त्ता श्रीनिवास सुंचुवार से मुलाकात की. कुछ पुराने दस्तावेज जमा किए. अब तक केवल नेताओं से मिल कर एक पत्र देने का और फोटो खींचने का काम हुआ. यह मुद्दा केन्द्र सरकार का है. केन्द्र सरकार आसानी से कोई बात नहीं मानती. इसलिए व्यापक और तीव्र सामाजिक चेतना जगा कर संगठन मजबूत करने को कहा गया. केवल बंगाली भाई ही नहीं उत्तर भारतीय और तेलंगाना के लोगों को भी समान समस्या होने के कारण उनका समर्थन और साथ लेने का मार्गदर्शन मिला. मांगने से केवल भीख मिलती है, अधिकार नहीं! अधिकार के लिए लड़ना पड़ता है. यह बताया गया. फ़िर कृष्णा कुंदू, निहार हालदार, कृष्णा मंडल, कृष्णकांत पोद्दार, बिमल साहा, पंकज बिस्वास, विपुल रॉय, अशोक मंडल, सरंपच विनोती कीर्तनिया, देवाशीष बैरागी, विष्णु रॉय, कविता सरकार, सुप्रिया सरकार, सरंपच सविता सरकार जैसे लोग जुड़े. बोंगो भाषी महासभा फाउंडेशन के परिमल कांति मंडल और डॉ. शुभ्रो चक्रवर्ती ने ऑनलाइन मीटिंग लेकर मार्गदर्शन किया. उस आधार पर गांव गांव के दौरे और जनजागृति बैनर लगाने का काम शुरू किया गया. दस हजार लोगों के सिग्नेचर लेने का अभियान शुरू हो गया. 70 से ज्यादा गांवों तक संपर्क हुआ है. इन गांवों तक पहुंच कर सिग्नेचर लेना शुरू है.
सब है, इच्छाशक्ति ही नहीं!*
हावड़ा के लिए ट्रेन का विस्तार करना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है. लेकिन माल गाड़ी से मिलनेवाले करोड़ो- अरबों रुपयों के लिए दुनियाभर के कारण रेल्वे अधिकारी और मंत्रियों के अधीन के अफसर बता रहे है. बिना मांग के शुरू हुई ‘ वन्दे भारत’ ट्रेन के लिए लाईन कैसे मिली? तब टेक्निकल प्रॉब्लम नहीं हुई. तो फ़िर बिलासपुर के आगे हावड़ा के मात्र 7 घंटे के सफर के लिए अड़चनें कौन ला रहा है? हमारे नेताओं ने अधिकारियो को हड़का होता, रेल मंत्री पर दबाव बनाया होता तो 40 साल नहीं लगते.
उत्तर भारतीय भाइयों का समर्थन*
चंद्रपुर के उत्तर भाषीय संघ ने हावड़ा ट्रेन विस्तार की मांग का समर्थन किया है. अध्यक्ष विनोद सिंह ठाकुर ने पत्र देकर कहा है कि क़रीब 5 लाख उत्तर भारतीय भाइयों के लिए हावड़ा ट्रेन विस्तार जरूरी है. बीजेपी की उत्तर भारतीय आघाड़ी के जिलाध्यक्ष रुद्रनारायण तिवारी ने भी तीव्र हुए आन्दोलन की सुध लेने का आग्रह करते हुए समर्थन किया है. तेलुगु समाज और व्यापारी संघ का भी समर्थन मिल रहा है.
चंद्रपुर रेल्वे स्टेशन के सामने देंगे धरना*
बोंगो भाषी महासभा फाउंडेशन और बंगाली समाज हावड़ा ट्रैन अधिकार समिति के पदाधिकारी रेल्वे मंत्री अश्विनी वैष्णव से मिलने दिल्ली जा सकते है. इस समय तृणमूल कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य भी उपस्थित रह सकते है. इस बीच दिसम्बर महीने में चंद्रपुर रेल्वे स्टेशन पर धरना प्रदर्शन करने की तैयारी होने की जानकारी आन्दोलन के संयोजक हरीदास बिस्वास, सह संयोजक मुकेश वालके, मार्गदर्शक निहार हालदार, कृष्ण मंडल, कृष्णा कुंडू, कृष्णकांत पोद्दार, कविता सरकार, प्रलय सरकार, सुप्रिया सरकार आदि ने दी है.
तो मानवाधिकार आयोग से शिकायत*
करिब 8 से 9 लाख लोगो को एक ट्रेन के लिये तरसाना उनके मानवाधिकार का उल्लंघन और संविधान की भी अवमानना है. इस तर्क के साथ रेल्वे मिनिस्टर, रेल बोर्ड के चेअरमन और डीआरएम को मानवाधिकार आयोग में खीचेंगे. जरुरत पडी तो कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर करेंगे. इसकी भी तैयारी की गई है.