भागवत कथा शोभायात्रा में राधे राधे की गूंज

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कथा के पहले ही पुष्प में भागवत महात्म्य का आख्यान

चंद्रपुर, दि.
चंद्रपुर के बंगाली कैंप काली माता मंदिर प्रांगण में बुधवार से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा यज्ञ का श्रीगणेश विशाल कलश शोभायात्रा से हुआ. सजाए हुए रथ पर श्री वृंदावन धाम के कथा प्रवक्ता पूज्य श्री योगेंद्र कृष्ण शास्त्री आसीन हुए. उसके बाद राधे राधे की धुन पर गीत और नृत्य पर थिरकती हुई अत्यंत अनुशासन के बीच यह शोभायात्रा मंदिर प्रांगण से निकली. शहर मार्ग से गीतो की धुन और नृत्य विन्यास पर उत्साह से माता मंदिर पहुंची. वहां से पूजा जल अर्पण कर विवेकनगर के राम मंदिर में दर्शन और पूजा की गई. उसके बाद मूल मार्ग से नेताजी सुभाष चंद्र बोस चौंक का गश्त लगा कर यह शोभायात्रा वापस मंदिर जाकर विसर्जित हुई.
उसके बाद शाम 6 बजे सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के पहले पुष्प को पिरोते हुए महराज श्री ने श्रीमद् भागवत के महत्व को समझाया. श्रीमद् भागवत कथा का महत्व इस वजह से है कि यह भगवान श्रीकृष्ण के अवतार, उनकी लीलाओं, और उपदेशों के बारे में बताती है. भागवत कथा सुनने से भगवान के प्रति भक्ति बढ़ती है और मन की शुद्धि होती है. भागवत कथा के ज़रिए आध्यात्मिक विकास होता है और जीवन में सफलता मिलती है. भागवत कथा सुनने से जन्म-जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं. भागवत कथा सुनने से भोग और मोक्ष दोनों सुलभ हो जाते हैं. भागवत कथा सुनने से मन की शुद्धि होती है.भागवत कथा सुनने से आत्मविश्वास बढ़ता है.भागवत कथा सुनने से जीवन में सफलता मिलती है.भागवत कथा सुनने से परम आनंद मिलता है. इस अवसर पर आयोजक सोनम बहुउद्देशीय संस्था के अध्यक्ष निताई घोष, कथा कार्याध्यक्ष बिस्वजीत शाहा, मदन शाहा, कमलेश दास, अमोल हालदार, मंदिर कमेटी के सचिव सन्तोष चक्रवर्ती, रमेश सरकार, आर. जी. शाहा, मनोरंजन रॉय, तारक दत्ता, गुरुपद मंडल, निहार हालदार, मुखर्जी, सुखेंदु चक्रवर्ती, जनविजय राजवंशी, उषा रॉय, शुक्ला हलदार, सुनिता घोश, वर्णाली शाहा, नमिता दास, झरना साहा,क्रिष्णा सरकार, सुप्रिया सरकार, बर्मन, तुलसी सरकार, कविता सरकार, अनु हाजरा, पूर्णिमा शाहा आदि समेत सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे.

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